मध्यकालीन कृषक और कबीर — प्रो. कृष्ण कुमार सिंह

  क्रांतद्रष्टा कवि कबीर की विचारधारा का स्रोत मध्यकाल के मनुष्य के सामाजिक जीवन में निहित है। मध्यकालीन भारतीय समाज की ऐतिहासिक शक्तियों के विश्लेषण के बिना कबीर के साहित्य …

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अम्बर पांडे की कविताएं

संसार का अंतिम प्रेमी   पत्नी की चिता दाघ देने के पश्चात् वह श्मशान में ही रह गया। गया नहीं घर। संसार श्मशान उसके लिए एक ही थे दोनों। सूतक …

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पॉलूशन मॉनिटरिंग — पूनम सिंह

 मैं बड़ी उहापोह की स्थिति में हूँ । तुम्हारा पत्र सामने खुला पड़ा है और मेरी सोच को लकवा मार गया है। ओह ! अमृता ! यह तुमने कितनी जटिल …

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पाखी — अमिता मिश्र

    यह मेरा घर है  जिसमें मैं रहती हूं तीसरे माले पर है पिछले साल ही बड़ी मुश्किल से इस फ्लैट को खरीदा है पापा अपनी सरकारी नौकरी से रिटायर …

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सतपुड़ा के जंगलों में — सुरेश ऋतुपर्ण

कहने को तो सारा जीवन ही एक यात्रा है लेकिन इस यात्रा के प्रवाह में जो अन्य अनेक यात्राएं घटित होती रहती हैं उनकी स्मृतियां जीवन को आनंदमयी सार्थकता देती …

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देह और प्रेम के कुहासे के बीच सपनों का वसंत — राकेश बिहारी

  इक्कीसवीं सदी मे अपना अस्तित्व-निर्माण कर चुकी कथा लेखकों की पीढ़ी, जिसे मैं भूमंडलोत्तर कथा पीढ़ी कहता हूँ, की आधी आबादी ने नि:संदेह वर्षों पुरानी वर्जनाओं से खुद को …

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In quest of Myself — Jaya Jadwani

  देह का गणित     बहुत सीधा है देह का गणित दो और दो कभी नहीं होते पांच कान लगाकर सुनो तो शीघ्र बता देता कहाँ लोहा कहाँ पानी कहाँ …

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मलयालम भाषा की केंद्र साहित्य अकादमी पुरस्कार जेत्री कथाकार — डॉ के.वनजा

बीसवीं शताब्दी के आरंभ का केरलीय समाज विसंगतियों का रहा था। जाति-धर्मों पर केन्द्रित आर्थिक-व्यवस्था के बदले में पूँजीवादी विशेषताओं की व्यवस्था का आरंभ और अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त मध्यवर्गीय लोगों …

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रामायण में शबरी प्रसंग : एक परिचर्चा – राधावल्लभ त्रिपाठी

  शबरी की राम से भेंट का प्रसंग वाल्मीकि रामायण तथा बाद की रामायणों में जिस प्रकार से वर्णित है, उस पर हम चर्चा करेंगे।  यह सीताहरण के बाद का …

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पूरे चाँद की ओर — रश्मि रावत

                      पूरे चाँद की ओर      ‘एक इंच मुस्कान’ (1962) के प्रकाशन के साथ मन्नू भंडारी की उपन्यास-यात्रा का शुभारम्भ होता है। उपन्यास राजेंद्र यादव के साथ मिल कर …

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