माँमुनि- श्रीमाँ शारदा के जीवन पर आधारित उपन्यास / किश्त- ९

षोडशी की षोडशोपचार उपासना ४   जो चला जाता है उसे तो नया भुवन मिल जाता किन्तु जो पीछे रह जाता है उसके पुराने संसार में क्षण क्षण जानेवाले का …

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आउशवित्ज़ :एक प्रेमकथा -उपन्यास अंश -गरिमा श्रीवास्तव (अप्रकाशित उपन्यास )

“वह एक बड़ी भारी गझिन काली रात थी ,दिन में हरियाले मैदानों की कालिमा,  जले हुए मांस के बदबू के साथ जैसे हवा में घुल-मिल गयी थी । लगभग पाँच …

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माँमुनि- श्रीमाँ शारदा के जीवन पर आधारित उपन्यास / किश्त- ८

  षोडशी की षोडशोपचार उपासना ३ ब्राह्मणी श्रीमदभागवत की मोटी पोथी खोले ग्यारहवेँ अध्याय का परायण करती बैठे बैठे ठाकुर की प्रतीक्षा कर रही थी। ब्रह्ममुहूर्त हो चला था किन्तु …

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‘अनुमति पत्र’ उपन्यास का एक अंश – वैभव सिंह

                                     (तस्वीर- भरत तिवारी)  सामने वाली मेज के दूसरी तरफ बैठा अफसर एक …

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सेरिंग वांग्मो धोम्पा- अनुराधा सिंह

 सेरिंग वांग्मो धोम्पा सेरिंग वंग्मो धोम्पा के माता पिता को सन् १९५९ में तिब्बत से पलायन करना पड़ा. उनका पालन पोषण धर्मशाला (भारत) व काठमांडू (नेपाल) के तिब्बती समुदायों के …

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माँमुनि- श्रीमाँ शारदा के जीवन पर आधारित उपन्यास / किश्त- ७

 शारदा भाग दो  षोडशी की षोडशोपचार उपासना १ “पंचभूतों को बाँधकर बनाई पुतली में अतींद्रिय अनुराग का जन्म कैसे होता है? शरीर के भीतर मन नहीं है। मन के भीतर …

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