रश्मि भारद्वाज की नयी कविताएँ

कविताएँ: रश्मि भारद्वाज  छूट गयी स्त्रियाँ वे छूट गयी स्त्रियाँ हैं जिनकी देह से पोंछा जा रहा है योद्धाओं का पसीना एक सभ्यता के ख़ात्मे के बाद उनकी रक्तरंजित कोख …

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आर्यावर्त सुनो, गुम हुई है एक सभ्यता – वीरू सोनकर की लंबी कविता

लंबी कविता — वीरू सोनकर इतिहास एक कब्रगाह है जहाँ आर्यावर्त अपनी बेईमान चिंताओं के साथ ऊंघ रहा है मैं सबसे पहले जागना चाहता हूँ और देखना चाहता हूँ  कि …

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भारतीय स्त्रियों की स्थिति : सैद्धांतिक बहसें एवं सामाजिक यथार्थ — सुप्रिया पाठक

        बीज शब्द:  लोकतंत्र ,पितृसत्ता, जेंडर, नारीवाद, नारीवादी सिद्धांत , स्त्री अध्ययन   लोकतंत्र की संकल्पना मानव समुदाय के सबसे प्रतिष्ठित आविष्कारों में से एक है। यह …

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झूठ को सच बनाने की साजिश और चित्रकला -अशोक भौमिक (स्तंभ- 1)

चित्रकला इतिहास में कई चित्र अपने कलात्मक गुणों के कारण ही नहीं, बल्कि अपनी ऐतिहासिकता के लिए भी महत्त्वपूर्ण माने जा सकते हैं। ऐसा ही एक चित्र है- ‘पूरब अपनी …

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चिड़िया जाल में क्यों फंसी? — ऋत्विक भारतीय

आदरणीय अजय नावरिया जी/कंवल भारती साहब! मैं एक दलित बालक, दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दी का शोधार्थी बिहार के अपने छोटे से कस्बे में किसी टूटे मकान के पिछवाड़े एक कनात …

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आइनार गाछ केनो होए ना (आईने के पेड़ क्यों नहीं होते) — रामेश्वर द्विवेदी

कार्यालय में आवेदन पहुँचाने के लिए ट्राम का किराया देकर पिता बाहर निकल गए। दो दिन बाद लौटकर सागर से पूछा तो सागर अवाक। पिता के निकलते ही उसने बैग …

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Mothering Poetry : Leena Mahlotra Rao and Antara Rao

सुल्तान अहमद और शतरंज  की बिसात  जिन्हें पिताजी ने घर पर खाने पर बुलाया   जिनके साथ दरियागंज के पार्क में उन्होंने लगातार 3 दिन तक -रातें भी शामिल- शतरंज …

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Mothering Poetry : Mridula Shukla and Shreyasi Shukla

 माँ ऑफिस और छुट्टी   सीखते हुए हिंदी वर्णमाला उसने लाल पेंसिल से क्रॉस के निशान बना दिए थे अ,फ और स अक्षरों पर आँखों की तरल उदासी छिपानी सीखी …

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