Mothering Poetry : Leena Mahlotra Rao and Antara Rao

सुल्तान अहमद और शतरंज  की बिसात  जिन्हें पिताजी ने घर पर खाने पर बुलाया   जिनके साथ दरियागंज के पार्क में उन्होंने लगातार 3 दिन तक -रातें भी शामिल- शतरंज खेली थी उसमें कौन जीता कौन हारा नहीं मालूम किन्तु यह याद है कि दीदी ने रो रो कर घर सिर पर उठा लिया था जबकि माँ ने अपनी चिंता की …

Mothering Poetry : Leena Mahlotra Rao and Antara Rao Read More

Mothering Poetry : Mridula Shukla and Shreyasi Shukla

 माँ ऑफिस और छुट्टी   सीखते हुए हिंदी वर्णमाला उसने लाल पेंसिल से क्रॉस के निशान बना दिए थे अ,फ और स अक्षरों पर आँखों की तरल उदासी छिपानी सीखी नहीं है उसने अब तक   छ और ट पढ़ते हुए मुस्कुराया था उन्हें बाँध दिया था गोल घेरों में ठीक वैसे ही जैसे मुट्ठी में बाँध कर रखना चाहता है …

Mothering Poetry : Mridula Shukla and Shreyasi Shukla Read More

अम्बर पांडे की कविताएं

संसार का अंतिम प्रेमी   पत्नी की चिता दाघ देने के पश्चात् वह श्मशान में ही रह गया। गया नहीं घर। संसार श्मशान उसके लिए एक ही थे दोनों। सूतक निवारण हेतु स्नान को ढिग बहती नर्मदा तक नहीं गया वह। कपालक्रिया पूर्व मुण्डन के पश्चात् शीश धोने के लिए भरा मटका रखा रहता है  उसका जल पीए चिताओं के धूम …

अम्बर पांडे की कविताएं Read More

In quest of Myself — Jaya Jadwani

  देह का गणित     बहुत सीधा है देह का गणित दो और दो कभी नहीं होते पांच कान लगाकर सुनो तो शीघ्र बता देता कहाँ लोहा कहाँ पानी कहाँ आग ज्वालामुखी कहाँ सब कुछ सीधा और साफ़ जैसे धरती न हो बारिश तो पड़ जातीं दरारें हो कई दिनों तक लगातार बह जाता सब –कुछ निशान छोड़े बिना न शामिल करो …

In quest of Myself — Jaya Jadwani Read More

अंजुम शर्मा की कविताएं

  स्वप्न में अनवरत बचपन से एक स्वप्न सालता है मुझे मैं दौड़ता रहता हूँ सपने में अनवरत कभी लगाता हूँ इतनी लंबी छलांग कि पार हो जाती हैं एकसाथ चार गलियाँ न मालूम कहां और किस से भागता हूँ मैं   मैंने हर संघर्ष का सामना शिवालिक की तरह किया है लेकिन यह एक स्वप्न बना देना चाहता है मुझे …

अंजुम शर्मा की कविताएं Read More

Sita — Nandini Sahu

         “And we forget because we must                                                     And not because we will.”                                                                       –Matthew Arnold, ’Absence’ “One feature of modern sensibility is…the idea that what has been forgotten is what forms our character, our personality, our soul.”                                                                –Ian Hacking Forgetting and forgiving, the two eternal qualities of any human being—of Sita in this context—have they not been rather …

Sita — Nandini Sahu Read More

Letter to My Unborn Daughter — Nandini Sahu

    Tiny limbs smeared with my fresh enflamed blood oozing out of the womb, gushing in fact. I knew. I had lost you.Then and there. Shattered. The sadomasochist burped then, and snored  in a short while, when the maid rushed us to the local hospital. I heard what you never uttered. Ahh heal ‘us’, protect ‘us’, you and me, me …

Letter to My Unborn Daughter — Nandini Sahu Read More

अजंता देव की कविताएं

  ताँत की साड़ी मैं बनी हूँ सिर्फ़  मुझे ही पहनने के लिए ब्लाउस ग़ैरज़रूरी है मेरे साथ फिसलती नहीं पर पारदर्शी हूँ मेरे  किनारे मज़बूत हैं ठोक के बुना है जुलाहे ने मुझे पूरा बुनने के बाद थक गया था वह मैं नहीं निकलती हज़ारों मीटर लगातार मेरे रेशे बिखरे रहते हैं धूल के साथ धूल होते हुए । ताँत …

अजंता देव की कविताएं Read More

अनुपम सिंह की कविताएं

       तुम्हारी कठोर प्रत्यञ्चा और मेरी हिरणी का दिल   तुम्हारी अर्ध रात्रि की बातें मेरे सफेद विस्तर को लाल कर देती हैं अतृप्ति कविता को जन्म देती है  मेरी स्त्री को सिर्फ कविता नहीं तृप्ति भी चाहिए   तुम्हारी कठोर सांसे मेरा मछली का कलेजा जिसे पिघलाते हैं तुम्हारे मर्दाने ख्याल अपनी तृप्ति के लिए मैं उत्तेजना में …

अनुपम सिंह की कविताएं Read More

A Prayer For My Daughters — Alok Bhalla

  Life never says this is ‘my good’ this ‘my bad’ this seed will blossom this lie fallow. An apple is sweet in infinite ways and there’s no fixed flight for birds and every path leads to other trails and there are thorns under rose bushes and there are signs and songs for seekers and words understood or misunderstood and strangest …

A Prayer For My Daughters — Alok Bhalla Read More