नियति, प्रारब्ध और चित्र-कथाएं

यहाँ मैंने गोगी सरोज पाल के चित्रों में कुछ कथा-सूत्र पहचाने जिन्हें मन के शब्द देने का प्रयास किया
है.- पूनम अरोड़ा

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रंगों में खुलती एक आह : आर्टेमिज़िया

– मनीषा कुलश्रेष्ठ     2011की मई में अपनी इटली यात्रा के दौरान मुझे वेनिस, फ्लोरेंस और मिलान जैसे कला के केंद्र शहरों में नितांत अकेले भटकना एक वरदान ही था. उसी भटकाव में रेनेसां के सुनहरे चरण के कई कलाकारों कीविश्वप्रसिद् कलाकृतियों को देखने का अवसर मिला. माइकल एंजेलो की बनाई पुरुष सौंदर्य के प्रतिमान – सी ‘डेविड‘ और बेसिको …

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