माँमुनि- श्रीमाँ शारदा के जीवन पर आधारित उपन्यास / किश्त- ८
षोडशी की षोडशोपचार उपासना ३ ब्राह्मणी श्रीमदभागवत की मोटी पोथी खोले ग्यारहवेँ अध्याय का परायण करती बैठे बैठे ठाकुर की प्रतीक्षा कर रही थी। ब्रह्ममुहूर्त हो चला था किन्तु उसके निताई अभी तक जागे नहीं थे। इतने में किवाड़ खुला और शारदा ठाकुर के शयनकक्ष से निकलती उसे दिखाई दी। शारदा के केशों से जल चू रहा था। वह जल …
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