इण्डिया बनाम बहिष्कृत भारत की सच्ची तस्वीर पेश करती रजत रानी ‘मीनू’ की कविताएं – ऋत्विक भारतीय
कवि-कथाकार-आलोचक रजत रानी ‘मीनू’ की ‘पिता भी होते हैं मां’ काव्य-कृति का प्रकाशन वर्ष- 2015 है। यह काव्य-कृति कई कारणों से उल्लेखनीय है! इस 184 पृष्ठों की लम्बी काव्य-यात्रा में दलितों की एक ऐसी दुनिया बस्ती है जहां स्त्रियां आज भी झुग्गी-झोपड़ियों/सड़कों पर रहती दोहरें-तिहरें शोषण का शिकार हैं तो दलित पुरुष आज भी स्वराज …
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