“एक सच्चे जीवन की उपमा, एक सच्चा जीवन ही हो सकता है”
“कविता के शिल्प की नहीं,
मुझसे जीवन के शिल्प की बात करो.””
GENDER PERSPECTIVE ON HOME AND THE WORLD
“कविता के शिल्प की नहीं,
मुझसे जीवन के शिल्प की बात करो.””
बाबुषा कोहली की कविताएँ
मृत्यु – नींद का नीला फूल है Read More…दरअसल मेरे दोस्त !
ज़िन्दगी अपने आप में एक आतंकवादी हमला है
जिससे किसी तरह बच निकली कविता…