‘हम नहीं रोनी सूरत वाले’ : सावित्रीबाई फुले की कविताई – बजरंग बिहारी तिवारी
जीवन की गहरी समझ के साथ काव्य-रचना में प्रवृत्त होने वाली सावित्रीबाई फुले (1831-1897) अपने दो काव्य-संग्रहों के बल पर सृजन के इतिहास में अमर हैं| उनका पहला संग्रह ‘काव्यफुले’ 1854 में तथा दूसरा ‘बावन्नकशी सुबोधरत्नाकर’ 1891 में प्रकाशित हुआ| दोनों ही संग्रह ज्योतिबा फुले से संदर्भित हैं| पहले संग्रह में उन्होंने अपने जीवनसाथी फुले के प्रति प्रेमपूर्वक कृतज्ञता जाहिर …
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