प्रवीण चन्द्र शर्मा की पाँच कविताएं
मेरी भूमिका पूर्व निर्धारित है मेरी भूमिका लिख कर रखे हुए हैं मेरे संवाद मुझे केवल इन्हें याद रखना है और इस तरह अदा करना है कि सुनने या देखने वालों को लगे कि- नदी अपनी स्वाभाविक गति से बह रही है आसमान पूरी तरह साफ़ है एक-एक करके – छिटके हुए सारे तारे गिने जा सकते हैं उस …
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