हिन्दी की पहली मौलिक कहानी — महेश दर्पण
इस कहानी का प्रकाशन ‘छत्तीसगढ़ मित्र’ में अप्रैल, सन् 1901 में हुआ था। छोटी–सी यह कहानी अपने कथानक और सुगठन के कारण याद रह जाती है। यहां माधवराव सप्रे अपनी पहली कहानी ‘एक पथिक का स्वप्न’ की भाषा और शैली से एकदम अलग ‘एक टोकरी भर मिट्टी’ के माध्यम से कहानी की एक नयी ज़मीन और सोच की खोज करते …
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