माँमुनि- श्रीमाँ शारदा के जीवन पर आधारित उपन्यास / किश्त- ५

  माँमुनि भाग एकादश  रात्रिभर शारदा सोई नहीं। ठाकुर को टेरने जाती किंतु आधे मार्ग से लौट आती। गुरुजनों की लज्जा से अन्तत: हारकर किवाड़ लगाकर रात्रिभर बैठी रही किन्तु मन क्या हमारे कहे मार्ग पर चलता है! उठती और किवाड़ खोल कर देखती। ध्यान लगाकर ठाकुर का स्वर सुनने का यत्न करती। पिताजी बिष्णुपुर गए थे और माँ श्यामसुन्दरीदेवी छोटे …

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माँमुनि- श्रीमाँ शारदा के जीवन पर आधारित उपन्यास / किश्त- ४

  खंजनाक्षी अपराह्न होते ही घर आ जाती थी। उस काल और भूगोल में विधवाओं से सौभाग्यवती अधिक बोलचाल नहीं रखती थी। खंजनाक्षी बालविधवा थी किन्तु श्यामसुन्दरीदेवी की परम सखी थी। कैशोर में किसी रोग के कारण उसके नेत्र नष्ट हो चुके थे।वह बंधोपाध्यायों की दूर की सम्बन्धी थी। घर घर जाकर गंगाफल, परोरी, तरोई, कुनरी की लताएं लगा जाती, उनकी …

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माँमुनि- श्रीमाँ शारदा के जीवन पर आधारित उपन्यास / किश्त- ३

    चन्द्रामणिदेवी भीत दृष्टि से भीति पर खड़िया से बनी आकृतियाँ देखती रही। गौरी-गणेश मनाती रही कि भोर तक नववधू के काका का मन पलट जाए और वह बहू को यहीं छोड़ जाए। पौ फटते ही नववधू के काका नहाधोकर जाने की तैयारी में घरभर में कोलाहल करने लगे। नववधू को अपना बक्स तैयार करने का आदेश दे दिया। “किन्तु …

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अंततः मैं तुम्हारे पास आया हूं- आर्य भारत की कविताएँ

  युवतम कवि आर्य भारत की कविताओं में हमारे जटिलतम होते जीवन का द्वंद है, प्रेम की टूटन है, धर्म, राजनीति, बाज़ार और समाज के चौतरफ़ा हमलों के बीच अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्षरत युवा स्वप्न हैं। यहाँ शिकस्त की एक निरंतर धुन गूँजती तो है लेकिन वह कवि का स्थायी पलायन नहीं बनती। भाषा और कविता उसे उबार …

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माँमुनि- श्रीमाँ शारदा के जीवन पर आधारित उपन्यास / किश्त- २- अम्बर पाण्डेय

  अर्धरात्रि को भोजन करके घरभर गहरी निद्रा में सो रहा था। गृहस्थी की गिलहरियाँ, मूषक, नाग, बिलोटे, छाजन पर रहनेवाले काक, शुक, कपोत, पीपिलिकाएँ सभी विश्राम कर रहे थे। विषाद में नींद नहीं आती किन्तु चन्द्रामणिदेवी का मन अकल्मष था। चटाई पर पड़ते ही कुछ समय में वह सो जाती थी।  केवल गदाधर जाग रहा था। प्रतिदिन वह तीन बजे …

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Mothering The Earth- A Womanly Woman by Vineeta Sinha

Mother’s Day. A tradition from the west, embraced by some, mocked by some, as many mouths, so many opinions, to translate a popular Hindi idiom! However what’s indisputable is that there can be no argument against celebrating mother or mother-figure in one’s life, this day or any other day. We are because our mothers endured everything and championed us, they resisted …

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माँमुनि- श्रीमाँ शारदा के जीवन पर आधारित उपन्यास / पहली किश्त

 सुपरिचित युवा रचनाकार अंबर पाण्डेय  द्वारा लिखित श्रीमाँ शारदा के जीवन पर आधारित उपन्यास माँमुनि का पश्यंती द्विभाषीय पत्रिका में धारावाहिक रूप से प्रकाशन किया जाएगा। प्रस्तुत है इस उपन्यास की पहली किश्त। (मेरी नानी का  मेरी किताब छपने से पूर्व ही देहान्त हो गया। वह पढ़ने की बहुत शौक़ीन थी। श्रीमाँ शारदा पर यह उपन्यास मैं उन्हीं के लिए लिख …

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मैं रहूँगी तो यहीं इसी धरती पर- सुमन केशरी की कविताएँ

वरिष्ठ कवि, लेखिका सुमन केशरी की कविताएँ मिथक, इतिहास द्वारा उपेक्षित छूट गयी स्त्री-अस्मिता और उसके अनुत्तरित प्रश्नों का आधुनिक परिप्रेक्ष्य में पुनर्पाठ करती हैं

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PASHYANTEE: LAUNCH CEREMONY

Pashyantee — The Philosophical Backdrop of Womanism in Asia:  An Attempt to Connect the Dots. LAUNCHING CEREMONY: 8TH APRIL, 2022 AT 4:00 PM Dr Mamta Kalia: Eminent Writer and Academic (Pashyantee- Advisory Board Member) Mr. Yuvraj Sharma: Well-known Theatre Activist, Poet, Retired as Professor of Acting from National School of Drama, Runs Katha scope (Chief Guest) Prof Ranu Uniyal: Eminent Academic …

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