मैला आँचल : लिंग-भेदी नैतिकता की सर्जनात्मक आलोचना – विनोद तिवारी
28 नवंबर 2013 को मनीष शांडिल्य की एक स्टोरी के साथ बीबीसी हिंदी डॉट कॉम एक
खबर प्रकाशित होती है – रेणु के ‘मैला
आँचल’ की कमली नहीं रहीं ।
GENDER PERSPECTIVE ON HOME AND THE WORLD
28 नवंबर 2013 को मनीष शांडिल्य की एक स्टोरी के साथ बीबीसी हिंदी डॉट कॉम एक
खबर प्रकाशित होती है – रेणु के ‘मैला
आँचल’ की कमली नहीं रहीं ।
बीसवी सदी भारतवर्ष को कई उपलब्धियों से सुषोभित कर गई जिनमें एक थी रवीन्द्रनाथ और महात्मा गांधी के रूप में साहित्य और राजनीति का मणिकांचन योग। प्रसिद्ध निबंधकार कुबेरनाथ राय के षब्दों में कहें तो विष्व इतिहास की अदालत में रवीन्द्रनाथ ने भारत की साहित्यिक महिमा को उपस्थित किया तो महात्मा गांधी ने विष्व इतिहास की अदालत में अपने व्यापक और …
रवीन्द्र और गांधी: साहित्य और राजनीति का मणिकांचन योग: डॉ० श्रीभगवान सिंह Read Moreचंद्रधर शर्मा गुलेरी को हिंदी साहित्य में ‘उसने कहा था’ नामक कहानी से अमर ख्याति मिली। गुलेरी जी को जो ख्याति मिली सो मिली, पर हिंदी में अल्पलेखन का फैशन चलाने वालों और कम लिखकर अमर होने का लोभ पालने वालों के लिएगुलेरी जी की यह सफलता किसी महान आदर्श की तरह रही है। ढेरों लेखक मिल जाते हैं जो कहते …
प्रेमकहानी भर नहीं है ‘उसने कहा था’: वैभव सिंह Read MoreAshok Vajpeyi Ashok Vajpeyi a Hindi poet-critic, translator, editor and culture-activist, is a major cultural figure of India. With more than 30 books of poetry, criticism in Hindi English to his credit, he is widely recognised as an outstanding promoter of culture and an innovative institution-builder. Over the years he has worked tirelessly to enhance the mutual awareness and interaction between …
Advisory Board Read More