अपनी मौत के बिस्तर पर
मैं बोलूं या ना बोलूं
इस समाज से करूंगा हमेशा
संघर्ष
GENDER PERSPECTIVE ON HOME AND THE WORLD
मैं बोलूं या ना बोलूं
इस समाज से करूंगा हमेशा
संघर्ष
Just one incident can cause such a transformation, a tremendous change of seasons within, akin to the change of seasons in the external world. In December’s bitter cold suddenly for the past three days…
Regardless of Everything Read Moreकुछ मौतें हैं बनी ठनी
नफ़ासत से तह की हुई तितलियाँ
और कुछ के होते हैं परचम
मीरा मिश्रा कौशिक, लंदन की सांस्कृतिक मुख्यधारा से जुड़ी एक ऐसी शख़्सियत हैं -जिन्हें देखते ही आप उनके प्रभाव में आ जाते हैं | चेहरे पर अनुभव और ज्ञान का तेज, खूबसूरत पारम्परिक भारतीय साड़ी पहने, पीछे जूड़े में बँधे बाल, काजल से भरी बड़ी -बड़ी सुन्दर आँखें और माथे पर एक बड़ी सी कत्थई बिंदी | कुल मिला कहूँ तो भारतीय स्त्री का सुन्दर प्रतीक हैं- मीरा कौशिक | कार्य भी ऐसा कर …
‘मेरे ऊपर असीमित खुला आकाश है’ – मीरा मिश्रा कौशिक का साक्षात्कार : डॉ नंदिता साहू Read MoreIn a seashell held to the ear
the murmur of a distant ocean…
बाबुषा कोहली की कविताएँ
मृत्यु – नींद का नीला फूल है Read MoreShort Story | Translated from Odia by Snehaprava Das The forest was aflame. It was the second half of May and the temperature hovered around forty-five degrees Celsius. The sky poured out molten heat. Like a thirst-tormented monster the sun sucked up life from every living cell, in man, animal or plant. There was nothing they could do but surrender meekly …
Wild Jasmine :: Paramita Satpathy Read More…दरअसल मेरे दोस्त !
ज़िन्दगी अपने आप में एक आतंकवादी हमला है
जिससे किसी तरह बच निकली कविता…
गूँथा हुआ जीवन पके हुए वे छेहर बाल बिखरेथे इधर उधर गुलियाए चेहरे पर हँसकर कहा उसने, “अब मेरे हाथ में समय है बालों का जंजाल कम हो गया- छेहर से कुछ केश ही तो बचे हैं जूड़े के जाल में सिमट जाते हैं बड़े आराम से आओ मैं बाल काढ़ दूँ अब तुम्हारे” अपनी बेटी से कहा उसने उसकी सघन …
गूँथा हुआ जीवन : लक्ष्मी कनन की कविताएँ/अनुवाद – अनामिका Read MoreOver five decades of wear and tear in the process called life, with three children, borne, bred and worried into shape, is bound to leave marks, some visible, some not.
Nothing Read More