Life
never says
this
is ‘my good’
this
‘my bad’
this
seed will blossom
this
lie fallow.
An
apple is sweet in infinite ways
and
there’s no fixed flight for birds
and
every path leads to other trails
and
there are thorns under rose bushes
and
there are signs and songs for seekers
and
words understood or misunderstood
and
strangest stories from seas beyond the sun
and
the strongest strategies for the soul’s survival.
What
other splendour can the stars promise?
What
other destiny can life’s breath offer
except
the search, the failure and the search?
So
be a visionary at the door of your dreams
wait
as the wind changes from salt to cinnamon
since
life only offers choices, not desolate fate
see
that sparkle in the sand as the wind scuttles slowly
catch
the omen of the harvest rain in time’s furrows
and
there is always an unknown friend near the bend
with
an unexpected story to tell and a chance gift in hand.
So,
search here and there here and
there
And
here and there
And
here and there
and there here
And
there and there
Here there
and here
there and
there
and
everywhere.
Wherever
there is life and work
there are chances
and new things to do
that
pop-up like fireflies once you open your eyes and look.
No
firefly says
this is ‘my good’
this ‘my bad’.
अपनी बेटियों के लिए एक प्रार्थना
–आलोक भल्ला
कभी नहीं कहता है जीवन
“ यह ठहरा मेरा भला,
यह बुरा,
यह बीज खिल जाएगा
और यह पड़ा रहेगा उन्मन!
एक सेब मीठा होता है कई तरह से
और चिड़ियों की उड़ान कभी तयशुदा नहीं होती!
हर पथ से फूटती हैं कितनी पगडंडियाँ
और होते ही हैंकाँटे झाड़ियों में गुलाब की!
ढूँढनेवाले को मिल ही जाते हैं संकेत
गुनगुनाहट में कहीं सोए,
कुछ समझ में आते और कुछ समझ के परे!
कुछ रहस्यविह्वल गाथाएँ ,सूरज के पार का समुन्दर,
रणनीतियाँ कुछ बज़िद कि बचा लेंगी
डूब रहा है जो अंदर- अंदर!
वैभव अगाध! अब इससे ज़्यादा क्या वादा करेंगे सितारे
और नियति की साँसें दे भी सकती हैं क्या:
संधान, श्रम और आशाओं के सिवा?
अपने सपनों की चौखट से तुम देखो विराट एक महास्वप्न
और इंतज़ार करो कि यह हवा पलटे,
जीवन तो खोलता है बस विकल्पों के दरवाज़े,
देखना बस यह होता है कि झीनीहवा में
बालू से छिटके चिंगारी
और काल के हल से साइत जगे
घहरती बारिश की!
हर मोड़ पर मिल ही जाता है एक अनजान सखा,
बाँच जोजाता है नई कथा ,
और थमा जाता है पाथेय एक नया!
इसीलिए
देखो
इधर – उधर
उधर- इधर
इधर
उधर
जाने किधर,
हर तरफ़
जीवन है जहाँ जहाँ,
उम्मीद वहाँ वहाँ
कुछ कर गुज़रने की
करने की
कुछ
तो!
अवसर हैं जुगनू
देखो न, खोलो न आँखें ,
ये पाँखें,
जुगनू नहीं कहते:
ये ठहरा मेरा भला,
ये बुरा..”
अनुवाद : अनामिका